Electro Homeopathy Medicine S1
Electro Homeopathy Medicine S1 – Scrofoloso 1
Scrofoloso 1 हमारे शरीर में विभिन्न अंगों में Lymph बनाने वाली विभिन्न प्रकार की Glands पाई जाती हैं। ग्रंथियों के Physiology बिगड़/असमान्य हो जाने पर , यह औषधि S1 उनके कार्यों को समान्य करती है।
कफ़ प्रकृति वाले व्यक्तियों के 40% रोगों को यह अकेले नष्ट करने की क्षमता रखती है। यह दवा कफ प्रकृति वालों के लिए है। तथा रक्त प्रकृति वाले व्यक्तियों को यह दवा S1 लेने पर चक्कर एवं घुमनी आने लगते हैं। अतः रक्त प्रकृति वाले व्यक्तियों को S1 के जगह पर S2 देना चाहिए। और A ग्रुप की औषधियां का भी प्रयोग करना चाहिए।
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जिससे न्यूट्रोफिल,WBC आदि रक्त कणिकाओं का घटा हुआ कंपोजीशन बढ़कर नॉरमल हो जाता है। रोगों एवं प्रतिकूल पदार्थों से लड़ने की शक्ति शरीर में बढ़ जाती है। महामारी से सुरक्षा हो जाती है। अर्थात एक प्रकार से यह दवा प्रतिरक्षा का कार्य भी करती है।
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चाहे वह विषैला पदार्थ धीमी गति से कार्य कर रहा हो या तीव्र गति से ईश्वर ने धरती पर मानव को मानवता के लिए भेजा है। लेकिन प्रकृति ने कुकर्म को मानव की समाप्ति के लिए भी भेज रखा है। कुछ लोग गलत संगत से स्लो प्वाइजन के रूप में नशीले विषैले मादक पदार्थ का सेवन करने लग जाते हैं।जैसे तंबाकू चीनी चाय बीड़ी सिगरेट शराब भांग अफीम चरस गांजा हीरोइन इत्यादि जिसके परिणाम स्वरूप तंत्रिका तंत्र धीरे-धीरे शिथिल हो जाती है। तथा मानव उसका आदि बन जाता है। और अंत में मरणासन्न स्थिति को धारण कर लेता है। अपना विवेक खो बैठता है। जिसे S1 ठीक कर सकती है।
दूसरी ओर ग्रंथियां अपना कार्य बढ़ा देती हैं। जिससे विषैले पदार्थ निकटवर्ती स्थान से बाहर निकल जाते हैं।यदि विष मुँह द्वारा निकल लिया गया है। और विषैला पदार्थ ग्रासनली एवं आमाशय में पहुंच गया है। तो उल्टी होने लगती है। आमाशय से बढ़कर आंतों में पहुंच गया है।तो दस्त आने लगता है।और यदि रक्त में प्रवेश कर गया है , तो उत्सर्जन तन्त्र को उत्तेजित कर पेशाब एवं पसीने के साथ जहर को बाहर निकाल देता है।
फोड़ा फुंसी,त्वचा रोग के रूप धारण करके विष को बाहर निकालने लगता है।
शरीर से विष के बाहर निकल जाने के बावजूद भी इस दवा का प्रयोग करते रहना चाहिए। जिससे विषैले पदार्थों का साइड इफेक्ट ना होने पाए। यदि व्यक्ति नशीले पदार्थों का आदी हो गया है। या उस पदार्थ को छोड़ देने की वजह से कोई शरीर में परेशानियां हो गई हैं। तो S1 की पांच बूँद दवा भोजन के साथ पानी में डालकर पीते रहने से कुछ दिनों बाद नशे की आदत बिल्कुल ही छूट जाती है। भूख खूब लगती है । कब्ज नहीं रहने पाता याददाश्त बढ़ जाती है।
और किसी भी विषैले या नशीले पदार्थों की ओर देखने की इच्छा तक नहीं होती । यदि किसी को नशीले पदार्थ के सेवन से ज्यादा नशा हो जाती है। तो S1 की 10 से 20 बूँद नशा तुरन्त उतर जाता है। S1 के प्रयोग करने से ग्रंथियां उत्तेजित हो जाती हैं। जिसके कारण लसिका का उत्पादन एवं संचालन जाता है। उपरोक्त सभी समस्याओं के लिए S1 का पोजटिव डोज़ का प्रयोग किया जाता है।
Electro Homeopathy Medicine S1
इस औषधि को इमरजेंसी औषधि भी कह सकते हैं यह औषधि भोजन को पचाकर लसिका को बनाती है। लसिका को नई शक्ति प्रदान कर तरोताजा बनाती है। अर्थात लसिका को ही नहीं बल्कि मनुष्य को जीवन दान देती है।
S1 का पोजटिव डायलुशन भोजन को पचाकर लसिका तैयार करता है। लसिका का संचालन तीव्र करता है। बाहरी हानिकारक पदार्थों से लड़ने की शक्ति को पूरा करता है। विषैले पदार्थों को रक्त में रहने पर Skin पर दाने के रूप में निकाल कर स्वस्थ करता है। अथवा विष को पेशाब के द्वारा शरीर से बाहर कर , शरीर को स्वस्थ ताकतवर बनाता है।
S1 का नेगेटिव डोज यदि किसी कारण वश लसिका / Lymph ज्यादा तैयार हो रहा हो। जिससे सारे शरीर का संतुलन खराब हो रहा हो। शरीर में पानी भर रहा हो। फेफड़े, हृदय ,मस्तिष्क ,अंडकोष आदि की झिल्ली में पानी भर जाने के कारण अनेक परेशानियां उत्पन्न हो रही हो। ऐसी स्थिति में यह औषधि उचित कार्य करती है। रोग पुराना हो, लेकिन भयानक नहीं नवीन तथा जीर्ण लसिका उत्पादन के समस्त धनात्मक रोगों को S1 का नगेटिव डोज़ दूर करती है।
Toxic Clean Formula – S1+L1 or S2+L2 D4
Respected Dr. Sb very good information you have shared. I think this is the real work of this medical system.
Thanks for kind information.