Electro Homeopathy Medicine S6
Electro Homeopathy Medicine S6 किडनी की सर्वोत्तम औषधि है। किडनी के द्वारा सामान्य ढंग से कार्य ना हो पाने के कारण जो रोग होते हे उन्हें S6 जड़से नष्ट करती है। किडनी के असामान्य कार्य करने की स्थिति को संतुलित कर सामान्य कार्य कराने की स्थिति में लाती है। S6 का प्रभाव किडनी में फिजियोलॉजिकली खराबी को ठीक करना है।
Details of Electro Homeopathy Medicine S6
किडनी का कार्य अपशिस्ट यूरिआ और ऐसे पदार्थ जिनका शरीर में अब उपयोग नहीं होगा अमीनो एसिड , यूरिक एसिड उन्हें बहार निकालने का है यह काम लिवर की मदद से किडनी करती हे लेकिन अगर किडनी अपना काम ढंग से न करे तो यह पदार्थ रक्त के इकट्ठे हो कर दूषित करने का काम करते ही ऐसे में हम s6 की सहायता से किडनी के कार्य को बढ़ा सकते है।
Basic Function of Electro Homeopathy Medicine S6
- S6 मूत्र प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण औषधि है। गुर्दे के साथ-साथ मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग के लिए विशिष्ट।
- S6 और S2 दोनों विशिष्ट मूत्र प्रणाली, मूत्राशय और मूत्र प्रणाली के अन्य भागों के लिए S2 हैं, लेकिन गुर्दे और मूत्र प्रणाली के अन्य भागों के लिए S6।
- गुर्दे की शूल, गुर्दे की पथरी के लिए मुख्य उपाय।
- हमारे शरीर से बेकार पदार्थों को निकालता है और कई रोगों का इलाज करता है।
- गाउट और यूरिक एसिड का जमाव।
- कम डिल वृद्धि वृक्क निस्पंदन, उच्च डिल कम वृक्क निस्पंदन।
- पोल्युरिया में उच्च, ऑलिगुरियलॉवर डिल में, एडिमा या ड्रॉपसी लोअर डिल में।
- जीआईटी की म्यूकोसल सतह।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, एडिमा और ड्रॉप्सी को ठीक करता है, शरीर की सूजन S6 + A1 -ve।
Plants Used in Electro Homeopathy Medicine S6
- Nasturtium Officinalis
- Scrophularia Nodosa
- Solidago Virgaurca
- Smilax Medica
- Hydrastis Canadensis
- Veronica Officinalis
- Matricaria Chamomilla
- Cochlearia Officinalis
- Tussilago Farfara
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इसका मुख्यतः प्रभाव निम्न तंत्रो पर हे :-
- किडनी
- यूरेटर
- यूरेथ्रा
- जनन तंत्र
- रक्त परिसंचरण तंत्र
- पाचन
Electro Homeopathy Medicine S6
किडनी हमारे शरीर का मुख्य उत्सर्जक अंग हे , जब शरीर में अनेक अपशिस्ट इकट्ठे हो जाते हे तो वह हमारे शरीर को नुक्सान पहुँचाने लगते हे इन ख़राब पदार्थो को s6 शरीर से बहार निकालने का काम करती हे। जब किडनी इन पदार्थो के कारन ठीक से काम नहीं कर पाती तो उससे जुड़े अंग भी असंतुलित हो कर बिगड़ जाते हे उस समय हमें किडनी की औषधि के साथ उस अंग की भी चिकित्सा करनी होती हे,
जैसे यूरिक एसिड का हड्डियों में जमा होना या स्टोन का बनना या कोलेस्ट्रॉल का जमा होने आदि।
s6 को हम किडनी के फंक्शन को बढ़ाने , स्टोन , यूरिक एसिड , गठिया , मूत्र मार्ग के रोग , मूत्र संक्रमण में s5 के साथ , बहुमूत्रता आदि रोग में रोग की स्तिथि के अनुसार देते है।
UTI Formula :
- S6+C5+F1+S5+A3+BE – D6 20 Drops After Meal
- S2+C6 +C17+GE – D6 20 Drop Before Meal