Electro Homeopathic Remedy C5
Electro Homeopathic Remedy C5 : इलेक्ट्रो होम्योपैथी में कैंसोरोसो श्रेणी की यह 5th औषधि है। S5 के समान, दोनों त्वचा, ग्रंथियों की संरचनाओं जैसे यकृत, पित्ताशय, अग्न्याशय के लिए उपयोग किए जाते हैं । जोड़ो या मांसपेशियों के रोगों के साथ-साथ न्यूरोमस्कुलर विकारों में C5 का उपयोग मलहम या तेल के रूप में, बाहरी रूप से S5 + F2 और WE या RE के साथ किया जाता है।इस औषधि का प्रभाव शिराओं सूत्रों Lungs, वायु प्रणाली ग्रंथियों , आमाशय, मांसपेशियों जोड़ो आदि के कुछ प्रमुख रोगों पर है। इस औषधि को बाहरी एवं भीतरी दोनों तरीकों से प्रयोग किया जाता है। इस औषधि का कार्यक्षेत्र तंत्रिका तंत्र, रक्त परिसंचरण तंत्र, स्वसन तंत्र तथा मल मूत्र , पाचन तंत्र , मांस पेशियों , हड्डियों ,ग्रंथियों ,जनन तंत्र आदि पर है।

Plants in Electro Homeopathic Remedy C5
Conium Maculatum |
Pimpinella Saxifraga |
Phytolacco Decandra |
Rhus Toxi Condendron |
Vincetoxicum Officinale |
यह औषधि शरीर के समस्त अंगों पर ऐसी स्थिति में कार्य करता है। जब अंगों के बनावट में खराबी आ रही हो । ऐसी स्थिति से C5 रोगों की चिकित्सा की जाती है। इस औषधि का प्रभाव ग्रंथियों पर है। अतः स्तन की प्रदाह ,स्तन में फोड़ा ,स्तन का कड़ा हो जाना, स्तन में दर्द युक्त गांठे वा नासूर होना, स्तन का फूल जाना , परंतु ना पकना और ना भीतर बैठना, लसिका ग्रंथियों का फूलना / सूजन हो जाना , टांसिल का सूजन मेसेंटेरिक गलैंड्स का बढ़ना आदि रोगों को जड़ से दूर कर देता है।इस औषधि के ग्रंथियों के रोगों बढ़ जाना, मवाद पड़ना, सेल एवं सूत्रों का बर्बाद होना आदि में भीतरी एवं बाहरी तौर पर प्रयोग की जाती है। सूजन’, घेघा के ग्रन्थियों का सूजन ,थायराइड का सूजन इत्यादि रोगों में लाभकारी है।
किसी भी कारण से बच्चेदानी का बाहर निकल आना, सर्दी से मासिक स्त्राव का बंद होना लिंग की कमजोरी सहवास की तीव्र इच्छा , परंतु असमर्थ होना , ओबरी की सूजन, डिंब कोष का बढ़ना, गर्भाशय ग्रीवा का मुह कड़ा पड़ जाना , मासिक स्त्राव देर से होना तथा कम मात्रा में होना, गर्भाशय में फाइब्रॉयड्स tumour , पूरे जनन तंत्र में चुभने जैसा दर्द , खाल को गला देने वाला दूध जैसा सफेद गाढ़ा अथवा रक्त मिला प्रदर , स्तन एवं लसिका ग्रंथियों का कैंसर आदि में बहुत ही लाभदायक औषधि है।
यह औषधि पोजटिव / धनात्मक रूप से प्रयोग करने पर गाँठों को गलाती है। उभारों एवं कड़ापन को समाप्त करती है । मांस पेशियों में बाई एवं गठिया में सर्वोत्तम कार्य नियम अनुसार करती है।प्रारंभिक गठिया बाई की प्राकृतिक प्रथम औषधि जो कि मांस पेशियों जोड़ों के सेलों एवं सूत्रों से यूरिक एसिड को बाहर निकाल देती है । जबकि गठिया बाई को उत्पन्न करने वाले खनिज पदार्थों कैल्शियम की मात्रा शरीर में बढ़ जाने पर रक्त परिसंचरण तंत्र पर प्रभाव पड़ता है। जिसके परिणाम स्वरुप प्रदाह, गर्मी , सूजन आदि को रक्त की औषधि A1,A2,A3 एवं BE समाप्त कर देती है ।जबकि मांस पेशियों को जोड़ों में उत्पन्न कठोर पन को समाप्त कर रोग मुक्त करती है। नया एवं पुराना बातों में दर्द , जोड़ों का काला पड़ जाना आदि में प्रयोग किया जाता है। एवं मोटापा दूर करने की भी सर्वोत्तम औषध ही मानी जाती है।
सूखी खांसी, रक्त युक्त खासी इन्फ्लूएंजा की खासी, टाइफाइड के साथ खांसी कुकुर खांसी मोतियाबिंद , शरीर का फूलना जोड़ों का कड़ा होना , रक्त की खराबी , फेफड़ों में घाव , दाद ,आदि को दूर करती है ।C5 का स्थाई गुण रक्तशोधक त्वचा रोग नाशक ,पीड़ा नाशक टीवी नाशक ,पेशाब एवं पाखाना लाने वाली टाइफाइड ज्वर नाशक आदि है।