Electro Homeopathic Remedy C4

Electro Homeopathic Remedy C4: इस औषधि का प्रभाव शरीर के समस्त हड्डियों से संबंधित रोगों पर है । यह संपूर्ण शरीर पर अकेले ही कार्य करती है। जबकि रोग हड्डी से उत्पन्न होकर संपूर्ण शरीर में फैल रहा हो , परंतु जब रोग संपूर्ण शरीर के समस्त अंग तंत्र सेल एवं सूत्रों में फैल गया हो , तो यह औषधि C4 देना अनिवार्य है ।यह औषधि पत्थर जैसा कठोर गांठ को गला देती है। गांठों पर जमे यूरिक एसिड को हटाती है। त्वचा के कार्य को बढ़ाकर विषैले पदार्थों को पसीने के रूप में बाहर करती है।हड्डी रोगों में विशेष लाभदायक है। मोटापा अर्थात वसा को कम करने में भी सहायक है। हड्डियों के गलत उभार को यह मिटा देती है।

Electro Homeopathic Remedy C4
Electro Homeopathic Remedy C4

All Bone Pain Formula – A2S5F1WEC4RE – D6

Teeth Pain Formula – A2C4L1GE D4

यह बोन टिश्यू की मेडिसिन मानी जाती है। जब रोग तृतीय अवस्था से बढ़कर के चौथी अवस्था तक पहुंच जाए। यानि हड्डियों तक पहुंच जाएं तब इस औषधि का प्रयोग किया जाता है।C1 के अंतर्गत बताए गए सभी रोगों के चौथी अवस्था में पहुंचकर हड्डी में जब रोग उत्पन्न हो जाता है। तो यह औषधि प्रयोग की जाती है।कुछ हड्डी के रोगों में जो भी होता है ऐसी दशा में C4 के साथ का प्रयोग करना चाहिए।परंतु कभी-कभी रोग अंग से शुरू होकर के हड्डियों तक पहुंच जाता है। तब C4 के साथ साथ उसके सहायक औषधियों का प्रयोग करना चाहिए।हड्डी एक विशेष प्रकार की कनेक्टिव टिश्यू है। जो कठोर पदार्थ से निर्मित है। इस औषधि का प्रभाव आंतरिक एवं बाह्य हड्डी जिसका संबंध मांस पेशी, त्वचा तंत्रिका तंत्र आदि से नहीं है। पर हड्डी रोगों पर काम करती है।कैल्शियम फास्फोरस कार्बोनेट के जमा होने पर हड्डियां मजबूत एवं कठोर हो जाती हैं ।

Plants in Electro Homeopathic Remedy C4

Coninum Maculatum 
Pimpinella Saxifraga 
Rhus Toxicodendron 
Symphytum Officinale 
Vinectoxicum Officinale 

रक्त में कैल्शियम का नियंत्रण पैरा थर्मोन हार्मोन से होता है। पैरा थर्मोन एंड कैल्सीटोनिन का स्त्राव पैरा थायराइड एवं थायराइड ग्रंथि करती है।इन ग्रंथों पर C4 का प्रभाव है। रक्त में कैल्सीयम एवं कैल्सीटोनिन की मात्रा बढ़ जाने पर हृदय का कार्य ठीक से नहीं हो पाता है। इसमें C4 का नेगेटिव डायलुशन में प्रयोग करना चाहिए ।जोड़ों में उत्पन्न होने वाले समस्त रोगों की यह औषधि अपने सहायक एवं वाह्य प्रयोग की दवाओं के साथ जड़ मूल से रोग को नष्ट कर देती है।

जोड़ों में उत्पन्न कुछ रोगों के कारण जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होने लगता है। इस जमाव को निकालने के लिए C4 का प्रथम डायलुशन में देकर के जमे हुए भाग एवं कड़े यूरिक एसिड को पिघलाकर बाहर निकाल देती है।इस कार्य हेतु लीवर की दवा S5 तथा किडनी की दवा C17 के साथ में देना अनिवार्य है ।



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